7वां वेतन आयोग: पुरानी पेंशन समेत ये मांगें हुई तेज, सरकारी कर्मचारियों ने किया ये बड़ा ऐलान
उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लेकर कर्मचारियों और शिक्षकों पहले ही विरोध में बुद्धि- शुद्धि यज्ञ करा चुके हैं.
देशभर की ट्रेड यूनियन ने 8-9 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल करेंगे. (प्रतीकात्मक)
देशभर की ट्रेड यूनियन ने 8-9 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल करेंगे. (प्रतीकात्मक)
पुरानी पेंशन योजना, वेतन विसंगतियों को दूर करने व निजीकरण के विरोध सहित सहित कई अन्य मांगों को लेकर देशभर की ट्रेड यूनियन ने 8-9 जनवरी को देश भर में हड़ताल करेंगे. उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लेकर कर्मचारियों और शिक्षकों पहले ही विरोध में बुद्धि- शुद्धि यज्ञ करा चुके हैं. वहीं, नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलॉइस एंड इन्जीनियर्स (NCCOEEE) ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2018 के विरोध में देशभर में 8-9 जनवरी को हड़ताल पर रहने की घोषणा की है. रेलवे ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया है. हालांकि, रेलवे कर्मी हड़ताल नहीं करेंगे.
कर्मचारियों ने गिरफ्तारी देने की घोषणा की
उत्तर प्रदेश संयुक्त संघर्ष संचालन समिति के अध्यक्ष एसपी तिवारी के मुताबिक, पुरानी पेंशन बहाली तक नहीं रुकेगा. 21 जनवरी से इस मांग को लेकर सभी कर्मचारी व शिक्षक जिला मुख्यालयों पर गिरफ्तारी देंगे. यह आंदोलन 05 फरवरी तक चलेगा. यदि पुरानी पेंशन स्कीम को जल्द लागू नहीं किया गया तो सरकार को 1986 व 1994 जैसे आंदोलन का सामना करना पड़ेगा. उत्तर प्रदेश कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा है कि आगामी 8-9 को ट्रेड यूनियनों की प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल में संघर्ष समिति भी हिस्सा लेगी.
इस बिल का विरोध कर रहे कर्मचारी
NCCOEEE ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2018 और केंद्र-राज्य स्तर पर चल रही निजीकरण की कार्रवाई के विरोध तथा पुरानी पेंशन की मांग को लेकर देश भर में हड़ताल करने का निर्णय लिया है. देश के लगभग 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर आगामी 8-9 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेंगे. हड़ताल का निर्णय देश भर की सभी ट्रेड यूनियनों की संयुक्त बैठक में लिया गया था. केंद्र और सभी राज्य सरकारों को इसका नोटिस भी भेज गया है. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारी और इन्जीनियर दो दिन हड़ताल पर रहेंगे.
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बड़े घोटाले की तैयारी
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2018 को संसद के शीतकालीन सत्र में पहले पारित कराने की कोशिश हुई तो बिना नोटिस के देश भर के बिजली कर्मचारी और इंजीनियर लाइटनिंग हड़ताल पर चले जाएंगे. संघर्ष समिति ने कहा है कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में निजी घरानों के घोटाले से बैंकों का ढाई लाख करोड़ रुपये पहले ही फंसा हुआ है फिर भी निजी घरानों पर कोई कठोर कार्रवाई करने के बजाय केंद्र सरकार नए बिल के जरिए बिजली आपूर्ति निजी घरानों को सौंप कर और बड़े घोटाले की तैयारी कर रही है.
निजीकरण का होगा विरोध
बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की मांग है कि विद्युत् परिषद् के विघटन के बाद भर्ती हुए कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली, समान कार्य के लिए समान वेतन, ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर नियमित प्रकृति के कार्यों हेतु संविदा कर्मियों को वरीयता देते हुए तेलंगाना की तरह नियमित करना, बिजली का निजीकरण पूरी तरह बंद करना और प्राकृतिक संसाधनों को निजी घरानों को सौंपना बंद करना मुख्य हैं.
समिति के अनुसार इलेक्ट्रिसिटी संविधान की समवर्ती सूची में है और राज्य का विषय है किन्तु यदि इलेक्ट्रिसिटी (अमेण्डमेंट) बिल पारित हो गया तो बिजली के मामले में केंद्र का वर्चस्व बढ़ेगा और राज्यों की शक्ति कम होगी इस दृष्टि से भी जल्दबाजी करने के बजाये संशोधन बिल पर राज्य सरकारों, बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों की राय ली जानी चाहिए.
05:58 PM IST